HINDU DHARMA MEIN VAIGYANIK MANYATAYEN (Hindi Edition)

HINDU DHARMA MEIN VAIGYANIK MANYATAYEN (Hindi Edition)

K.V. SINGH
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वैदिकधर्मकाजोवर्तमानस्वरूपहमेंआजकलदेखनेकोमिलताहै,उसेआजकातर्कशीलवैज्ञानिकदृष्टिकोणरखनेवालामानवअंधविश्वास,आस्थारूढ़िवादकीसंज्ञादेताहै।यहविचारणीयहैकिक्यावास्तवमेंहमारेधर्मकीपूजा-पाठविधि,पर्व-त्योहार, सांस्कृतिकमान्यताएँरीति-रिवाजकेवलआस्थापरटिकेहैंयाफिरउनकाकोईवैज्ञानिकआधारहै?

प्रायःदेखागयाहैकिपढ़े-लिखेलोग,जोअपनेकोबुद्धिजीवीमानतेहैं, वेधर्मकीपरंपरा,परिपाटीउसकेवर्तमानस्वरूपकीयातोउपेक्षाकरतेहैंयाफिरउसकेप्रतिव्यंग्यात्मकरवैयाअपनातेहैं।उनमेंसेकुछकातोयहभीमाननाहैकिहमारीधार्मिकमान्यताओंकाकोईवैज्ञानिकआधारनहींहै।परंतुउनकीयहसोचवास्तविकतासेबहुतपरेहै, क्योंकिजिनलोगोंनेहिंदूधर्मकेमूलरूपकोजानाअध्ययनकियाहै, वेजानतेहैंकिहमारेधर्मकाएकसुदृढ़वैज्ञानिकआधारहै।आवश्यकताकेवलउसकेमर्मऔरमूलस्वरूपकोसमझनेकीहै।

Language:
hindi
Pages:
92
File:
PDF, 1.14 MB
IPFS:
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